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maloom nahi kayamat kab aaegi

kayamat kab tak aaegi अचानक आ जाएगी |

क़यामत अचानक आ जाएगी

सूरः अंबिया में फरमाया-

بَلْ تَأْتِيهِم بَغْتَةً فَتَبْعَتُهُمْ فَلا يَسْتَطِيعُونَ رَدْهَا وَلَا هُمْ يُنظَرُونَ.

बल तातीहिम बस्ततन फ्तव्हतुहुम फ ला यस्ततीऊन रद्दहा व ला हुम युन्ज़रून०

‘बल्कि वह आ जाएगी अचानक उन पर और उनको बद-हवास कर देगी, न उसके हटाने की उनको कुदरत होगी और न उनको मोहलत दी जाएगी।

इस मुबारक आयत से और इससे पहली आयत से मालूम हुआ कि कियामत अचानक आ जाएगी, हज़रत रसूले करीम सल्लल्लाहु तआला अलैहि व सल्लम ने इरशाद फरमाया कि अल-बत्ता कियामत ज़रूर इस हालत में कायम होगी कि दो आदमियों ने अपने दर्मियान (खरीदने-बेचने के लिए) कपड़ा खोल रखा होगा और अभी मामला तै करने और कपड़ा लपेटने भी न पायेंगे कि कियामत कायम हो जाएगी (फिर फरमाया कि) अल-बत्ता कियामत ज़रूर इस हाल में कायम होगी कि एक इंसान अपनी ऊंटनी का दूध निकाल कर जा रहा होगा और पी भी न सकेगा और कियामत यकीनन इस हाल में कायम होगी कि इंसान अपना हौज लीप रहा होगा और अभी उसमें (मवेशियों को) पानी भी न पिलाने पायेगा और वाकई कियामत इस हाल में कायम होगी कि इंसान अपने मुंह की तरफ लुक्मा उठायेगा और उसे खा भी न सकेगा। (यह जो मशहूर है कि कियामत मुहर्रम की दसवी तारीख को कायम होगी, किसी हदीस से साबित नहीं है। मज्मउल बिहार में इसको मौजूअ यानी गढ़ी हुई बातों में गिना है।)

                                                                                                                                                                                (बुखारी व मुस्लिम)

यानी जैसे आजकल लोग कारोबार में लगे हुए हैं, उसी तरह कियामत के आने वाले दिन भी लगे होंगे कि अचानक कियामत आ पहुंचेगी। जिस दिन क्रियामत कायम होगी, वह जुमे का दिन होगा प्यारे नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने इरशाद फरमाया कि सब दिनों से बेहतर जुमा का दिन है, उसी दिन वह जन्नत से निकाले गये और कियामत जुमा ही के दिन कायम होगी।

(मुस्लिम् शरीफ)

दूसरी हदीस में है कि आंहज़रत सय्यिदे आलम सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने फरमाया कि जुमा के दिन कियामत कायम होगी, हर करीबी फरिश्ता और आसमान और ज़मीन और पहाड़ और समुंद्र, ये सब जुमा के दिन से डरते हैं कि कहीं आज कियामत न हो जाए।

(मिश्कात शरीफ)

 

                             कियामत की तारीख की ख़बर नहीं दी गयी

अल्लाह तआला ही जानते हैं कि क्रियामत कब आयेगी। कुरआन शरीफ में बताया गया है कि कियामत अचानक आ जाएगी, बाकी उसकी मुकर्ररा तारीख की खबर नहीं दी गयी। एक बार हज़रत जिब्रील अलैहिस्सलाम ने इंसानी शक्ल में आकर मज्लिस में हाज़िर लोगों की मौजूदगी में प्यारे नबी सल्लल्लाहु तआला अलैहि व सल्लम से पूछा कि कियामत कब कायम होगी, तो उनके इस सवाल के जवाब में प्यारे नबी सल्ल० ने इरशाद फरमाया कि-

                                             مَا الْمَسْئُولُ مَنْهَا بِأَعْلَمَ مِنَ السَّائِلِ

                                                   ( بخاری و مسلم)

                              मल् मस् ऊलु अन्हा बि अअल म मिनस्साइलि०

                                         • – बुखारी व मुस्लिम

‘इस बारे में सवाल करने वाले से ज़्यादा उसको इल्म नहीं है कि जिससे सवाल किया गया है।’

यानी इस बारे में हम और तुम दोनों बराबर हैं, न मुझे उसके कायम होने के वक़्त का इल्म है और न तुम को है। एक बार जब लोगों ने प्यारे नबी सल्ल० से पूछा कि कियामत कब आयेगी तो अल्लाह तआला शानुहू की तरफ से हुक्म हुआ-

قُلْ إِنَّمَا عِلْمُهَا عِنْدَرَبِّي لَا يُجَلِّيْهَا لِوَقْتِهَا إِلَّا هُوَ ثَقُلَتْ فِي السَّمَوَاتِ وَالْأَرْضِ لَا تَاتِيْكُمْ إِلَّا بَغْتَةً ، يَسْأَلُونَكَ كَأَنَّكَ حَفِيٌّ عَنْهَا ، قُلْ إِنَّمَا عِلْمُهَا عِندَ اللهِ وَلَكِنْ أَكْثَرَ النَّاسِ لَا يَعْلَمُوْنَ.

कुल इन्नमा अिल्मुहा इन्द रब्बी लायुजल्लीहा लिवक्तिहा इल्ला हु व सक्नुलत फिसमावाति वल्अर्ज़ि ला तातीकुम इल्ला बग़-ततन० यस्अ लू न क क अन्नक हफीयुन अन्हा कुल इन्नमा अिल्मुहा अिन्दल्लाहि व ला किन्न अक्सरन्नासि ला यञ्जमून ०

‘आप फरमा दीजिए कि इसका इल्म सिर्फ मेरे रब ही के पास है, उसके वक़्त पर उसको सिवाए अल्लाह तआला के कोई ज़ाहिर न करेगा, आसमान

व ज़मीन में बड़ी भारी घटना होगी, वह तुम पर बिल्कुल ही अचानक आ पड़ेगी, वे आप से इस तरह पूछते हैं जैसे गोया आप उसकी खोज कर चुके हैं। आप फरमा दीजिए कि उसका इल्म सिर्फ अल्लाह के पास है, लेकिन अक्सर लोग नहीं जानते ।

 

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